देहरादून। उत्तराखंड के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद अब नए पंचायत प्रतिनिधि जल्द ही कार्यभार संभालने जा रहे हैं। शासन ने ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के शपथ ग्रहण और पहली बैठकों की तिथियां घोषित कर दी हैं। हालांकि, ग्राम पंचायतों के गठन में अब भी कई चुनौतियाँ सामने हैं।
उत्तराखंड के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब नए जनप्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण और पंचायतों की प्रथम बैठक की तिथियाँ तय कर दी गई हैं। हरिद्वार को छोड़ अन्य सभी जिलों में पंचायत चुनाव 24 और 28 जुलाई को दो चरणों में संपन्न हुए थे। हालांकि, ग्राम पंचायतों के गठन में रुकावटें बनी हुई हैं, क्योंकि अब भी 33,056 ग्राम पंचायत सदस्य के पद रिक्त हैं। पंचायत गठन के लिए दो-तिहाई सदस्यों का चुना जाना आवश्यक है। पंचायतीराज विभाग के उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी के अनुसार, संबंधित जिलों से इन रिक्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।
चुनाव में ग्राम प्रधानों के 7,499, ग्राम पंचायत सदस्यों के 55,587, क्षेत्र पंचायत सदस्यों के 2,974, और जिला पंचायत सदस्यों के 358 पदों पर मतदान हुआ था। वहीं, ग्राम प्रधान के 20 और क्षेत्र पंचायत सदस्य के दो पद नामांकन न होने के चलते रिक्त रह गए हैं।
अब शासन ने पंचायत गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए शपथ ग्रहण और प्रथम बैठक की तारीखें तय कर दी हैं:
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27 अगस्त: ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों का शपथ ग्रहण
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28 अगस्त: ग्राम पंचायतों की पहली बैठक
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29 अगस्त: ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुख, और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का शपथ ग्रहण
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30 अगस्त: क्षेत्र पंचायतों की पहली बैठक
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1 सितंबर: जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों का शपथ ग्रहण
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2 सितंबर: जिला पंचायत की पहली बैठक
इन तिथियों के अनुसार पंचायतों का पाँच साल का कार्यकाल भी शपथ ग्रहण के साथ ही शुरू हो जाएगा।