उत्तराखंड पंचायत उपचुनाव- राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव पारदर्शी रखने को तय की खर्च सीमा और फीस दरें

उत्तराखंड पंचायत उपचुनाव- राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव पारदर्शी रखने को तय की खर्च सीमा और फीस दरें

ग्राम पंचायत सदस्य 10 हजार, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य 75 हजार तक कर सकेंगे व्यय

देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी पंचायत उपचुनावों को लेकर उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित कर दी है। आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्राम पंचायत सदस्य अधिकतम 10 हजार रुपये, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य 75 हजार रुपये, जबकि जिला पंचायत सदस्य 2 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।

निर्वाचन आयोग ने जारी किए दिशा-निर्देश

प्रदेश में पंचायतों की खाली सीटों पर उपचुनाव की तारीख घोषित होते ही राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में मुख्य विकास अधिकारियों (CDO) और जिला पंचायत राज अधिकारियों (DPRO) के साथ बैठक कर चुनाव व्यय और अन्य प्रक्रियाओं को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक श्रेणी के लिए खर्च सीमा स्पष्ट रूप से तय की गई है।

नामांकन पत्रों की फीस में भी अंतर

आयोग ने विभिन्न पदों और वर्गों के उम्मीदवारों के लिए नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य (फीस) भी निर्धारित किया है।

सामान्य वर्ग के ग्राम पंचायत सदस्य उम्मीदवारों को ₹150 और अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग व महिला उम्मीदवारों को ₹75 शुल्क देना होगा।

ग्राम प्रधान पद के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को ₹300 और अन्य वर्गों के उम्मीदवारों को ₹150 शुल्क देना होगा।

पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव पर जोर

आयोग ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निर्धारित खर्च सीमा के भीतर हो। चुनाव खर्च की निगरानी के लिए संबंधित ब्लॉक और जिला स्तर पर विशेष टीमें गठित की जा रही हैं।

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