उत्तराखंड में रियोजनाओं की समीक्षा अब गतिशक्ति पोर्टल से होगी,मुख्य सचिव ने सभी विभागों को दिए निर्देश

उत्तराखंड में रियोजनाओं की समीक्षा अब गतिशक्ति पोर्टल से होगी,मुख्य सचिव ने सभी विभागों को दिए निर्देश

उत्तराखंड में एक करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा अब गतिशक्ति पोर्टल से होगी। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी विभागों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। भविष्य में वित्त व्यय समिति की बैठकें भी इसी पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी। विभागों को ई-डीपीआर तैयार करने और प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची नियोजन विभाग को सौंपने के लिए कहा गया है।

 प्रदेश में चल रही एक करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इसके लिए सभी विभागों को आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में वित्त व्यय समिति की बैठकें पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी। उन्होंने विभागीय सचिवों से भी विभागीय ईएफसी की बैठकें पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से करने को कहा है।
मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक हुई। बैठक में उन्होंने विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। उन्होंने एनआइसी के माध्यम से भविष्य में परियोजनाओं की ई-डीपीआर बनाने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्वपूर्ण एवं प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार करें, ताकि इनके लिए धनराशि की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने इन योजनाओं की सूची नियोजन विभाग को उपलब्ध कराने के साथ ही इसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए वार्षिक कार्यायोजना बनाने को कहा कहा, ताकि कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जा सके। सभी सचिव अनुभागों का करें निरीक्षण मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को वर्ष में कम से कम एक बार अनुभागों का विस्तृत निरीक्षण करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि इसी प्रकार रोस्टर के अनुसार अपर सचिव, संयुक्त सचिव व अनुसचिव भी अनुभागों का निरीक्षण करेंगे।अचल संपत्ति का विवरण दें अधिकारी मुख्य सचिव ने कहा कि यह संज्ञान में आया है कि अखिल भारतीय सेवा व अन्य विभागीय अधिकारी समय से अपनी वार्षिक अचल संपत्ति का विवरण विभागों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।

वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल संपत्ति का विवरण घोषित करना जरूरी है। इसे अनिवार्य बनाने की व्यवस्था की जाए। पदोन्नति के समय यह देखा जाएगा कि संबंधित अधिकारी ने अपनी अचल संपत्ति का विवरण दिया है या नहीं।
सरकारी संपत्ति की सूची बनाने के निर्देशमुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी परिसंपत्तियों की सूची तैयार कर इसके लिए पहले से ही बनाए गए पोर्टल में अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने देहरादून में राज्य संग्रहालय बनाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली, राधिका झा, रविनाथ रामन, डा पंकज कुमार पांडेय, डा रंजीत कुमार सिन्हा, डा नीरज खैरवाल, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान व धीराज गर्ब्याल उपस्थित थे।

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