राजकीय सम्मान के साथ अभिनेता मनोज कुमार की हुई विदाई,पूरा बॉलीवुड वहां पहुंचा

राजकीय सम्मान के साथ अभिनेता मनोज कुमार की हुई विदाई,पूरा बॉलीवुड वहां पहुंचा

देशभक्ति फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए मशहूर दिग्गज एक्टर मनोज कुमार ने दुनिया को अलविदा बोल दिया है। इस वक्त हर किसी की जुबान पर बस एक ही नाम है भारत कुमार। अपनी अदाकारी से सबको अपना दीवाना बनाने वाले अभिनेता अब हमारे बीच नहीं रहे। खबरें आ रही हैं कि दिवगंत अभिनेता के पार्थिव शरीर शमशान घाट पहुंच गया है और पूरा बॉलीवुड वहां पहुंच रहा है।

दिग्गज अभिनेता के जाने से हिंदी सिनेमा को गहरा सदमा लगा है। पूरा बॉलीवुड गम में डूबा हुआ है। इस बीच दिवंगत अभिनेता का आज यानी 5 अप्रैल को अंतिम संस्कार किया जा रहा है। राजकीय सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी जा रही है।
अभिनेता का आज दाह संस्कार होने वाला जहां एक के बाद एक फिल्मी सितारे उन्हें विदाई देने पहुंच रहे हैं। दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र जिन्होंने उनके साथ कई फिल्मों में काम किया है, वो भी गम में डूबे हुए हैं। साथ ही एक्टर प्रेम चोपड़ा भी मनोज कुमार को अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं।
बता दें, मनोज कुमार का अंतिम संस्कार पवन हंस श्मशान घाट पर किया जा रहा है। राजपाल यादव ने मनोज कुमार को याद करते हुए कहा, ‘वह भारत के विश्व कला रत्न हैं। वह भारत रत्न हैं। मैं उन्हें सलाम करता हूं। वह हमारे बॉलीवुड के रत्न हैं और हमेशा रत्न बने रहेंगे।’
प्रेम चोपड़ा ने भी उनके बारे में कहा, ‘हम शुरुआत से ही साथ थे। यह एक शानदार सफर रहा। उनके साथ काम करके हर किसी को फायदा हुआ। मुझे भी उनसे बहुत कुछ मिला। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे, बल्कि कह सकता हूं कि वह मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से एक थे।’
राजकीय सम्मान (State Honor) एक विशेष प्रकार की श्रद्धांजलि होती है, जो किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के निधन पर दी जाती है। यह सम्मान आमतौर पर केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। पहले यह निर्णय केवल राष्ट्रपति द्वारा, केंद्र सरकार की सिफारिश पर लिया जाता था, लेकिन अब राज्य सरकारों को भी यह अधिकार मिल चुका है। राजकीय सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, और अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधियों को दिया जा सकता है।
इसके अलावा, कला, सिनेमा, साहित्य, विज्ञान, शिक्षा और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी यह सम्मान मिल सकता है। राजकीय सम्मान के अंतर्गत अंतिम संस्कार के समय तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर, गार्ड ऑफ ऑनर, शोक ध्वज, और बंदूक सलामी जैसी औपचारिकताएं निभाई जाती हैं।
24 जुलाई 1937 को जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था। यूं तो उन्होंने बड़े पर्दे पर कई किरदारों में जान डाली है, लेकिन उन्हें देशभक्ति से भरी फिल्मों के लिए ज्यादा पहचान मिली है। इसी वजह से उन्हें भारत कुमार कहा जाता था।
भारतीय सिनेमा में अपने शानदार योगदान के लिए मनोज कुमार ने कई अवॉर्ड अपने नाम किए हैं। भारत सरकार ने उन्हें 1992 में पद्मश्री और 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्हें 7 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले, जिनमें 1968 में ‘उपकार’ के लिए बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के अवॉर्ड शामिल हैं। उन्हें एक नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।

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