कैबिनेट विस्तार का इंतजार खत्म !सीएम धामी आज दिल्ली से लौट रहे,मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर केंद्रीय नेताओं से हुई चर्चा

कैबिनेट विस्तार का इंतजार खत्म !सीएम धामी आज दिल्ली से लौट रहे,मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर केंद्रीय नेताओं से हुई चर्चा

सीएम धामी आज दिल्ली से लौट रहे हैं और उनके साथ ही कैबिनेट विस्तार का इंतजार भी खत्म हो सकता है। उन्होंने केंद्रीय नेताओं से मंत्रिमंडल विस्तार और विभिन्न निगमों प्राधिकरणों और आयोगों में अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में दिए जाने वाले दायित्वों पर चर्चा की है। माना जा रहा है कि नवरात्र में मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व वितरण दोनों ही हो सकते हैं।

धामी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की चर्चा के बीच दिल्ली गए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को भी दिल्ली में ही रहे।
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही विभिन्न निगमों, प्राधिकरणों व आयोगोंं में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य के रूप में दिए जाने वाले दायित्व के संबंध में उन्होंने केंद्रीय नेताओं से बातचीत की।
ऐसे में इस संभावना को बल मिला है कि नवरात्र में मंत्रिमंडल विस्तार व दायित्व वितरण, दोनों ही होंगे। मुख्यमंत्री धामी गुरुवार को देहरादून लौटेंगे। इसके बाद ही इस सिलसिले में कोई तस्वीर साफ होगी।
धामी मंत्रिमंडल का आकार वर्तमान में सात रह गया है। मंत्रिमंडल में पांच मंत्री पद रिक्त चल रहे हैं। बदली परिस्थितियों में कामकाज के बोझ को देखते हुए मंत्रिमंडल में विस्तार आवश्यक हो गया है। साथ ही मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी संभव है।
चर्चा है कि इस संबंध में पार्टी के प्रदेश संगठन के स्तर पर उनकी बातचीत हो चुकी है और केंद्रीय नेतृत्व से अंतिम दौर का विमर्श होना शेष है।  इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को ओडिशा के दौरे से दिल्ली पहुंचे और बुधवार को भी वहीं रहे

इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल है। जो संकेत मिल रहे हैं, वे इशारा कर रहे हैं कि नवरात्र में मंत्रिमंडल में रिक्त पदों पर पांच नए चेहरों को जगह मिल सकती है। यानी, पार्टी के पांच विधायकों की लाटरी लग सकती है।
य ही नहीं, विभिन्न आयोगों, निगमों व प्राधिकरणों में दायित्व भी दिए जाने हैं। दायित्व वितरण को लेकर भी पार्टी के बीच से मांग उठ रही है। असल में भाजपा अब वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गई है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार और दायित्व वितरण को अहम माना जा रहा है।

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