अग्निवीर बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी, 25 अप्रैल तक कर सकते हैं पंजीकरण

अग्निवीर बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी, 25 अप्रैल तक कर सकते हैं पंजीकरण

भारतीय सेना में अग्निवीर बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। सेना ने ऑनलाइन पंजीकरण की आखिरी तारीख 10 अप्रैल से बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दी है। अब और भी युवा इस सुनहरे मौके का फायदा उठा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए www.joinindianarmy.nic.in पर विजिट करें। पहले भर्ती को 12 मार्च से 10 अप्रैल तक करा सकते थे पंजीकरण

 भारतीय सेना अग्निवीर भर्ती में शामिल होने वाले युवक-युवतियों के लिए खुशखबरी लेकर आई है। सेना ने आनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 10 अप्रैल से बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दी है। इन दिनों सेना में अग्निवीर बनने के लिए पहाड़ के युवाओं में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।
मंगलवार को सेना भर्ती कार्यालय निदेशक कर्नल महेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष 12 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन पंजीकरण की तिथि घोषित की गई थी। अब इसे बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दिया गया है। कोई भी युवक-युवती इस अवसर से ना चूके इसके लिए यह तिथि बढ़ाई गई है।
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को इंटरनेट समस्या के कारण ऑनलाइन पंजीकरण में दिक्कत आती है। उनको भी अब पंजीकरण के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।अग्निवीर भर्ती के लिए www.joinindianarmy.nic.in पर अभ्यर्थी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। अग्निवीर जनरल, ड्यूटी, टेक्निकल, क्लर्क व स्टोर कीपर टेक्निकल, ट्रेडसमैन, सैनिक फार्मा, सैनिक तकनीकी नर्सिंग सहायक, वीमेन पुलिस के पदों पर भर्ती होनी है।
कर्नल महेश कुमार ने बताया कि इस बार दो पदों के लिए अभ्यर्थी एक साथ आवेदन कर सकेंगे। वहीं, दौड़ में ग्रुप और समय सीमा में भी बदलाव किया गया है। इस बार दौड़ में दो की जगह चार ग्रुप होंगे। पहले पांच मिनट 45 सेकंड में दौड़ पूरी करने पर अभ्यर्थी क्वालीफाई होते थे। अब छह मिनट 15 सेकंड में दौड़ पूरी करने पर भी क्वालीफाई कर दिया जाएगा।
कर्नल ने बताया, कि अभ्यर्थी वेबसाइट पर जाकर कंप्यूटर आधारित परीक्षा का अभ्यास भी कर सकते हैं। वहीं, आवेदन की जानकारी के लिए अभ्यर्थी कार्य दिवस पर सुबह नौ बजे से डेढ़ बजे तक सेना भर्ती कार्यालय अल्मोड़ा में और कार्यालय के नंबरों 05962297192, 05962298449 पर भी संपर्क कर सकते हैं। कहा कि काफी संख्या में युवा अग्निवीर बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं।

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