ऋषिकेश: राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के अवसर पर आज निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नेत्रदान के महत्व और इसके द्वारा जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन पर चर्चा की गई।
संस्थान की कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ. ऋचा धिमान ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नेत्रदान की प्रक्रिया, इसके लाभ और इससे नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में आने वाले प्रकाश के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेत्रदान सबसे महान दान है, जिससे किसी का जीवन बदल सकता है।
कार्यक्रम में श्री आत्मा प्रकाश कोचर ने भी लोगों को नेत्रदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए समाज से आगे आने और नेत्रदान का संकल्प लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाने के लिए श्री शशि शेखर सिंह, ऑप्टोमेट्री विभागाध्यक्ष ने एक रोचक गतिविधि प्रस्तुत की। उन्होंने एक प्रतिभागी की आंखों पर पट्टी बांधकर यह दर्शाया कि दृष्टिहीन व्यक्ति को दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियों में किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस गतिविधि ने सभी को दृष्टि की अनमोलता और नेत्रदान के महत्व का वास्तविक अनुभव कराया।
कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि अधिक से अधिक लोग नेत्रदान का संकल्प लें और समाज को अंधकारमुक्त बनाने में योगदान दें। निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान ने पुनः अपने इस संकल्प को दोहराया कि वह नेत्रहीनों की सेवा और अंधत्व निवारण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा।