निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ और ‘ऋण गारंटी योजना’ से MSME सेक्टर को मजबूती, भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता होगी और सशक्त
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के ताज़ा कैबिनेट फैसले भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को मजबूत करेंगे और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दो महत्वपूर्ण योजनाओं — ‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ और ‘निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना’ — को मंजूरी दी गई है, जिनका उद्देश्य भारतीय निर्यात को गति देना और एमएसएमई क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना है।
‘मेड इन इंडिया’ की गूंज दुनिया में और तेज हो — प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“सुनिश्चित कर रहे हैं कि ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज पूरी दुनिया में और तेज़ी से सुनाई दे। कैबिनेट ने ‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ को मंजूरी दी है, जो भारत के निर्यात को और प्रतिस्पर्धी बनाएगा तथा एमएसएमई, नए और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सशक्त करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मिशन सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाकर परिणाम-आधारित तंत्र तैयार करेगा। वहीं, ‘निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना’ (Credit Guarantee Scheme for Exporters) से व्यापार सुचारू रूप से चलेगा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
खनिज क्षेत्र में भी बड़ा फैसला, हरित ऊर्जा को मिलेगी मजबूती
कैबिनेट ने इसके साथ ही ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम हरित ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) को मजबूत करेगा, रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा और भारत की सतत विकास यात्रा को नई दिशा देगा।
₹45,000 करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी — अमित शाह ने बताया ऐतिहासिक कदम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्यातकों के लिए ₹45,000 करोड़ की दो नई योजनाओं को मंजूरी देने के निर्णय को “ऐतिहासिक कदम” बताया।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने ₹25,060 करोड़ के ‘एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन’ को स्वीकृति दी है, जो भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।
इसके साथ ही, ₹20,000 करोड़ की ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एक्सपोर्टर्स (CGSE)’ के तहत निर्यातकों को बिना गारंटी के ऋण सुविधा मिलेगी।
अमित शाह ने कहा, “यह कदम एमएसएमई क्षेत्र को नई मजबूती देगा और भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाएगा।”
वैश्विक मंच पर भारत की पहचान को और सशक्त बनाने की तैयारी
सरकार का उद्देश्य है कि इन नीतिगत निर्णयों के माध्यम से भारत न केवल अपने निर्यात प्रदर्शन को दोगुना करे, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ को विश्व स्तर पर गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रतीक बनाया जाए।

